

मेरे हमसुखन
संगम का ये मंच ‘मेरे हमसुखन’ उम्र और देश की सीमाओं से परे उन सभी रचनाकारों का मंच है जो इस दौर में सक्रिय है, जो हिंदी या उर्दू में काम कर रहे हैं. सिर्फ अपने मन के भाव ही नहीं बल्कि अपने समय की बात लिख रहे हैं. ये मंच सिर्फ कविता का मंच नहीं है ये मंच है- ‘विवेकशील अनकेस्वरता’ का. मेरा मानना है कि जो भी लोग काम कर रहे हैं, छोटे- बड़े सब, वे कुछ न कुछ सिखाते ही हैं और हर सीख महत्वपूर्ण होती है. हमें यक़ीन है, हमारा ये मंच अपने समय का दस्तावेज़ होगा जो आने वाली हमारी पीढ़ियों के लिए किसी खजाने से कम ना होगा.
—–प्रीता व्यास